बुधवार, 13 मई 2020

रंज तो हैं!(कविता -संग्रह -"फड़फड़ाती उड़ान !"/कवियत्री -रेखा रुद्राक्षी !),


C:\Users\User.pc\Downloads\REKHA BOOK EXTRA PHOTO\Ranj to h IMG-20190810-WA0003 (2).jpg

रंज तो हैं!

न उलझनें रही, न परेशानियां रही!
न शिकायतें रही ,न रंजिशे रही!
तू कल भी था और आज भी है!
तेरे सिवा जिन्दगी में,
न किसी की निशानियां रहीं!
उम्मीद की लौ, आज भी जल रही है!
तेरे आने की आस मेरे घर के,
चिरागों को हर बार ही रहीं!
मालूम था ,के ये इन्तज़ार फिजूल है!
फिर भी तेरी आहट सुनने को,
दिल में बेकरारियां रहीं!
था तेरे साथ,चन्द मुलाकातों का सिलसिला !
पर उन पलों में भी,
तेरे प्यार की, बस खुमारियां रही!
बेशक न होंगी,अब फिर से मुलाकातें अपनी!
पर सुकुन इस बात का है,
कि तेरी वफ़ा और मोहब्बत में ,
 कभी न खामियां रही!
मिला न तेरा साथ,  
इस जन्म मुझको!
इस बात का रंज तो है!
पर तेरी खुशी के लिए,
मेरी नम आंखें भी मुस्कुराई!
मेरे दिल में तेरे लिए, 
प्यार कम तो नहीं!
मेरे दिल में ,तेरे लिए ,
प्यार कम तो नहीं!

- रेखा रुद्राक्षी।





कुदरत का कहर!(कविता -संग्रह -"सुलगती ख्वाइशें !"/कवियत्री -रेखा रुद्राक्षी !),

कुदरत का कहर! दुनिया की हालत गंभीर बड़ी है , मुसीबत में हर किसी की जान पड़ी है। कस रहे शिकंजा राजनीति वाले , और...