कुदरत का कहर!
दुनिया
की हालत गंभीर बड़ी है,
मुसीबत
में हर किसी की जान पड़ी है।
कस रहे
शिकंजा राजनीति वाले,
और कई
घरों में लाशें जल रही है।
धर्म की
दुहाई देने वालो,
आज कुदरत
भी धर्म की जंग लड़ रही है।
कहर ढाया
है खुदा ने ऐसा,
कि हर
जाति धर्म की रूह तक डर रही है।
जाओ मना
लो अपने रब ,ईश्वर खुदा को,
जिंदगी
पल पल सबकी ही ढल रही है।
-रेखा रूद्राक्षी 💞
Copyright
कोई टिप्पणी नहीं:
नई टिप्पणियों की अनुमति नहीं है.