बुधवार, 13 मई 2020

तेरी खुशी के लिए!(कविता -संग्रह -"फड़फड़ाती उड़ान !"/कवियत्री -रेखा रुद्राक्षी !),


C:\Users\Bajaj.com\Desktop\Poetry Rekha Sharma\11. teri khushi.jpeg

तेरी खुशी के लिए!

 जानते है, कशमकश हैं, दोनों तरफ!
मोहब्बत के वादे है, दोनों तरफ!
न हमको मिलायेगी,किस्मत कभी!
न साथ चलेंगें हम, उम्र-भर!
फिर भी दिल धड़कता, तेरे लिए है!
तेरी कमी है,तेरी जुस्तजू हैं!
अगर ये जुदाई,ये तड़प ही न होती,
मोहब्बत की कीमत, फिर पता कैसे होती!
ये दर्दों-रंज की आंखों से,बारिश न होती!!
तो यादों में, यूँ बेकरारी न होती!!!
गर, समझ जाता, 
हर कोई वफा का सलीका,
तो जफां करने वालों से, 
जंग जारी न होती!
मिल जाती मोहब्बत, 
सिर्फ चाहने से,
तो दुआओं में,उसे मांगने की खुमारी न होती!
न दिल टूटता, न मौत को गले लगातें,
गर तुझसे बिछड़ने की चोट,
दिल ने खाई न होती!
कहना आसान हैं, 
के नया आशियाना बना लो!
बनाते तो, तब जब एक पल भी,
तेरी याद, इस दिल को 
आई न होती!
काश ,काश के तू ही, 
मेरा हमसफ़र होता!
जिंदगी का हर लम्हा, तेरे संग होता!
पर, काश किस्मत में जुदाई न होती!
न होती परवाह जमाने की तुझको!!
तो आज तेरी पनाहों से,
हमने यूँ दूरीयां बढ़ाई न होती!
तेरी खुशी,बस तेरी खुशी के लिए,
हमने मोहब्बत की दुनिया अपनी जलाई न होती!

- रेखा रुद्राक्षी।






कुदरत का कहर!(कविता -संग्रह -"सुलगती ख्वाइशें !"/कवियत्री -रेखा रुद्राक्षी !),

कुदरत का कहर! दुनिया की हालत गंभीर बड़ी है , मुसीबत में हर किसी की जान पड़ी है। कस रहे शिकंजा राजनीति वाले , और...