कर्मों का हिसाब!
मेरी औकात, मुझको बताने वालों!
संभल कर रहना ,मुझको रूलाने वालों!
आंखें नम है, पर छलकते नहीं आंसु मेरे!
मेरा हौंसला देखकर, घबराने वालों!
करो बेशक बदनाम मुझे ,सरेआम तुम!
कोई फायदा नहीं ,हम नहीं डरने वालें!
खुदा से बहुत गहरा रिश्ता है मेरा!
पार हो जाएंगे, दर्द के समन्दर में डूब कर भी!
बस ,अपना ख्याल कुछ खास रखना तुम!
खुदा के इन्साफ को, नजर-अंदाज करने वालों!
दान देने से ,अच्छे कर्मों का घड़ा नहीं भरता!
कभी दो -बोल मीठे भी बोलें है?
दूसरों की जिंदगी में, जहर घोलनें वालो!
वक्त करेगा ,आपके सारे कर्मो का हिसाब!
अभी खुश हो जाओ,
मेरे दर्द- ए- ज़ख्म पर हंसने वालों!
- रेखा रुद्राक्षी